बुद्धि के दाता गणपति जी का विसर्जन 2024
भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के 14वें दिन मनाया जाने वाला गणेश विसर्जन 10वें दिव्य उत्सव के समापन का प्रतीक है। अनंत चतुर्दशी के इस महत्वपूर्ण अवसर पर भगवान गणेश की मूर्ति को जल रियंका में विसर्जित किया जाता है। भक्त भव्य जुलूसों में भाग लेते हैं, उत्सव के समापन का जश्न मनाते हैं।
साथ ही अगले वर्ष अपने प्रिय देवता का फिर से स्वागत करने का वादा करते हैं। 2024 में गणेश विसर्जन 17 सितंबर को होगा। इस दिन, समुदाय पवित्र नदियों, समुद्रों या झीलों में गणेश विसर्जन के लिए इकट्ठा होते हैं। जो जीवन के चक्र और ब्रह्मांड में दिव्य ऊर्जा की वापसी का प्रतीक है।
गणेश विसर्जन 2024: तिथि और समय
गणेश विसर्जन 2024 तिथि: 17 सितंबर, 2024।
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 03:10 अपराह्न, 16 सितंबर, 2024।
चतुर्दशी तिथि समाप्त: 11:44 पूर्वाह्न, 17 सितंबर, 2024।
गणेश विसर्जन अनुष्ठान में पूजा और समारोहों की एक श्रृंखला शामिल है। विसर्जन के दिन, भक्त मूर्ति के चारों ओर इकट्ठा होते हैं, प्रार्थना करते हैं और त्योहार के दौरान की गई किसी भी गलती के लिए क्षमा मांगते हैं। गणेश को उनकी पसंदीदा मिठाइयाँ, जैसे मोदक, चढ़ाने से पहले मूर्ति को फूलों, मालाओं और गहनों से सजाया जाता है।
गणेश विसर्जन का महत्व
हिंदू संस्कृति में गणेश विसर्जन का गहरा आध्यात्मिक महत्व है। यह गणेश उत्सव के अंत का प्रतीक है और जीवन की नश्वरता का प्रतीक है। मूर्ति का विसर्जन भगवान गणेश की उनके दिव्य निवास में वापसी का प्रतीक है, जो भक्तों को जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के निरंतर चक्र की याद दिलाता है।
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