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आखिर क्यों मनाया जाता है? अनंत त्रयोदशी को प्रेम दिवस के रूप में
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आखिर क्यों मनाया जाता है? अनंत त्रयोदशी को प्रेम दिवस के रूप में

अनंग त्रयोदशी का व्रत हर साल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। साल 2024 में यह व्रत 13 दिसंबर को होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती, कामदेव और रति की पूजा करने से प्रेम स्थापित होता है।

त्रयोदशी के दिन प्रेमी जोड़ों के लिए उपाय

यह ध्यान रखना जरूरी है कि इस दिन व्रत, पूजा और विशेष प्रेम उपाय करने से शक्ति मिलती है और संतान, स्वास्थ्य और धन संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं। इसलिए इस दिन को श्रद्धा और भक्ति से मनाएं और अपने जीवन को सुखमय बनाएं।

अनंग त्रयोदशी व्रत महत्व 

धार्मिक मान्यता है कि अनंग त्रयोदशी के दिन व्रत रखने से साधु बनने की इच्छा रखने वाले पति-पत्नी को सुयोग्य साधु की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार यह दिन दाम्पत्य को मजबूत करने का पर्व है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कामदेव और रति की पूजा करने से धन, समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशहाली आती है।

अनंग त्रयोदशी की पूजा विधि

अनंग त्रयोदशी के अवसर पर भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद कामदेव और उनकी पत्नी देवी रति की पूजा करना अनिवार्य है। कामदेव की पूजा में सुगंधित फूल, इत्र, चंदन, फल ​​और मिठाई चढ़ाकर सुखी वैवाहिक जीवन या सफल प्रेम संबंध की प्रार्थना करनी चाहिए।

 कामदेव को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्र ‘ॐ कामदेवाय: विदमहे पुष्पबाणाय धीमहि तन्नो अनंग: प्रचोदयात’ का स्फटिक की माला से अधिक से अधिक जाप करना चाहिए.

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