आख़िर क्या मिला गोवा के 10वीं सदी के कदंब शिलालेख में ?
दक्षिणी गोवा के काकोडा में महादेव मंदिर में कन्नड़ और संस्कृत में लिखा एक शिलालेख खोजा गया है। इस शिलालेख को 10वीं शताब्दी के कदंब काल का बताया जा रहा है
- यह कन्नड़ और संस्कृत में लिखा गया है।
- इस शिलालेख पर अनुच्छेद एक अद्भुत वाक्य से शुरू होता है, ‘स्वस्थ रहें’, अर्थात ‘स्वस्थ श्री’।
- तलारा नेवैया ने अपने पुत्र गुंडय्या की मृत्यु के संबंध में इस शिलालेख का अर्थ निकाला ।
- यह उस काल के जयसिंह प्रथम के तलंगरे शिलालेख की साहित्यिक शैली में है ।
- यह शिलालेख (भवन, मूर्ति या सिक्के पर लिखा गया अभिलेख) कन्नड़ और नागरी अक्षरों में अंकित है तथा 10वीं शताब्दी ई. का है तथा गोवा के कदंबों से संबंधित है।
गोवा राज्य के बारे में:
- गोवा भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर कोंकण नामक क्षेत्र में स्थित है और भौगोलिक रूप से पश्चिमी घाट दक्कन के ऊंचे इलाकों से अलग है।
- भारत के सबसे छोटे राज्य की एक झलक.
- 19 दिसंबर 1961 को ‘ऑपरेशन विक्ट्री’ ने देश को पुर्तगालियों से आज़ाद कराया।
- गौ मुक्ति दिवस – 19 दिसम्बर
- 30 मई 1987 को इस क्षेत्र का विभाजन कर गोवा को पूर्ण राज्य तथा दमन एवं दिवाव को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया।
- गोवा का उच्चतम बिंदु सोंसोगोर है।
- राजधानी- पणजी
- राजभाषा कोंकणी
- मुख्यमंत्री- प्रमोद सावंत
- वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान:
- डॉ. सलीम अली पक्षी अभयारण्य
- महादेई वन्यजीव अभयारण्य
- नेत्रावली वन्यजीव अभयारण्य
- कोटिगाओ वन्यजीव अभयारण्य
- भगवान महावीर अभयारण्य
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